जीवन जीने का तरीका
जीवन, सुख - दुःख और संघर्ष, कभी खुशी तो कभी गम, कभी ज्यादा तो कभी कम, और कई क्षणों के मिलने से हमारा जीवन बनता है। इस जीवन काल मे सबका बुरा और अच्छा वक्त हमेशा आता ही है, लेकिन जो उस समय को पहचान ले और उसके हिसाब से उसमे ढल जाए वह इंसान ही जीवन खुशी और माधुर्यता से जी सकता है। वैसे सबकी इच्छा यही होती है की वह खुशी से, हँसते-मुस्कुराते जीवन को बिताए, लेकिन कभी न कभी तो ऐसा वक़्त आ ही जाता है जब इंसान पूरी तरह तुट जाता है। तो ऐसे मे इंसान अपने आप को बहुत ही बुरा साबित कर देता है, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। बल्कि हमें उस समय को धैर्य और समझ के अच्छे से बिता देना चाहिए। हमारे मन को एक ही बात बार बार बोलने की, कि यह वक़्त भी निकल जायेगा। बस फ़िर देखना आप अपने मन मै अच्छा अनुभव करने लगेंगे। और अच्छा समय भी निकल ही जाता है, तो अच्छे समय मे भी ज्यादा फ़ुल नहीं जानेका। समय कैसा भी हो वह एक दिन तो बित ही जाता हैं।
Success |
जीवन का सबसे कठिन समय :
वैसे तो जीवन में कई बार बुरा समय आता है लेकिन सबसे कठिन समय युवाकाल का यानी जवानी का है क्योंकि जीवन का start-up यही से होता है। युवाकाल कठिन है, बुरा नहीं है। जीतने जवानी के कठिन दिन होते है, उतने ही अच्छे पल और दिन भी इसी समय मै आते है। कई सारी जिम्मेदारिया हमारे सिर पर आ जाती है। जैसे की परिवार की जिम्मेदारी, आर्थिक परिस्थिति का tention, समाज के रीत रिवाज के अनूसार चलने की जिम्मेदारी और सबसे ज्यादा tention हमारे Career का होता है। पढ़ाई का बोझ तो 12th के बाद ही स्टार्ट होता है। College मे आते ही हमारे सिर पर जिम्मेदारिया आने लगती है। इसमे पढ़ाई का tention, career का tention और जिम्मेदारिया सब एक साथ आता है। इतने कठिन समय से हमें कैसे गुजरना है वो हमें समझ आहि जाता है।
Time is money |
एक तो महँगाई और भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है की छोटी सी नौकरी से गुजारा चल नहीं सकता। और पढ़ाई का इतना खर्चा की मध्यम वर्ग के लोगों की बस की बात होतीं ही नहीं है। पढ़ लिखकर degree हासिल करके हम नौकरी के लिए रोज धक्के खाते है, फ़िर भी कोई अच्छी Job नहीं मिलती की हम अपनी लाइफ के दिनों को अच्छे बना सके। इसकी वजह से पढ़ाई मे हमारा मन ही नहीं लगता की पढ़के भी वही दस-पंदरा हजार वाली नौकरी से अच्छा है की कोइ private job करे। लेकिन पढ़ाई का मतलब सिर्फ नौकरी पाना नहीं है। पढ़ाई जीवन का आधार है, जिससे हम आज के डिजिटल जीवन को आसानी से जी सकते है। पढ़कर हम शिक्षित और सफ़ल बनते है जो हमारे जीवन मे हर जगह उपयोगी होता है। शिक्षित और शाक्षर बनने के लिए पढ़ाई बहुत जरूरी है।
Confusion of our life :
जीवन मे उलझन इतनी हो गई है की कोई भी इंसान उलझ ही जाता है। रास्ते इतने खुल गए है की हमें कोनसे रास्ते पर चलना है वही पता नहीं रहता। पहले हम सिर्फ TV पर एक ही चैनल दूर-दर्शन ही देखते थे। आज चैनेलो की list 800 से ज्यादा यानी इतनी बढ़ गई है की TV देखने मे भी confusion है। और तो और पहले हम भोजन में सिर्फ रोटी, सब्जी, दूध, घी इतना ही लेते थे और आज मुखवास बीस प्रकार के आते तो इंसान को उलझन नही तो और क्या होगा। लेकिन इस उलझन से बाहर निकलकर हमारे लिए क्या सबसे महत्वपूर्ण है, उसी रास्ते पर चलना चाहिए। ऐसे में पढ़ाई मे confusion है की हम क्या करे? Goverment Job की preparation करे या फ़िर हम जो पढ़ रहे है उस line मे आगे बढे। लेकिन इस उलझन से बाहर निकलकर हमारे लिए जो बेहतर हो उसे ही चुनना चाहिए। हमें जिस क्षेत्र में रुचि और ज्ञान हो उसका ही चयन हमें करना होगा। तभी life को अच्छे से बिता सकते है।
Practice makes perfect |
आज के युग मे सबसे ज्यादा परेशानी उन students को होती है, जो कम marks या फ़िर fail हो जाते है। क्योंकि समाज और परिवार के सामने वह मजाक बन जाते है,और लोग उनकी टिका करते है। लेकिन सबको यह समजना होगा की चाहें कितने भी कम marks क्यों न आये लेकिन हमें उस का मजाक नहीं बल्कि उसको अच्छे से guidance करके उसे आगे और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इस तरह वह अपने जीवन मे आने वाली कठिन परिस्थिति से लड़ेगा और जीतेगा भी। और चाहें कितना भी बुरा समय क्यों न आये हमें उसे धैर्य और समझकर - मुस्कुराते हुए बिता देना चाहिए।
हमें हमेशा ख़ुशी से जीना चाहिए। कभी दुःख आये या फ़िर बहुत रोने का मन करे तो अकेले मे जाके जी भर के रो लेने का। रोंने से अगर हमारा दुःख कम होता है तो रोना अच्छा है। वैसे भी जो होना है वो तो होकर ही रहेगा तोह फ़िर किस बात की चिंता। इसीलिए जीवन हमेंशा खुशी से ही जीना चाहिए।
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