महँगाई क्या है?
वैसे तो जीवन में कई सारी बड़ी समस्याओं ने घर कर के रखा है। उसमे महँगाई एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। महँगाई ने सभी लोगो को परेशान करके रखा हुआ है जो लगातार विकट रूप धारण कर रही है। महँगाई की वजह से आम जनता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है।
महँगाई का अर्थ है की जीवन आवश्यक वस्तुओ के मूल्यों में लगातार वृद्धि होना। रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और मनोरंज ये आज के मनुष्य की जीवन जरूरी मूलभूत आवश्यकता है। महँगाई की वजह से ग़रीब लोग और आम आदमी अपनी जीवन जरूरी चीज़ लेने में असमर्थ है। कई कारणों से बाजार में चीज़ों के दाम बढ़ते ही जाते है। जब ये दाम वृद्धि आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाती है, तब उस स्थिति को महँगाई का नाम दिया जाता है। पिछले कई दशकों से तो महँगाई काफी बढ़ती जा रही है और लोगो का जीना हराम कर दिया है।
महँगाई के कारण क्या है?
महँगाई बढ़ने के अनेक कारण है। सुखा, बाढ़, हिमपात, अतिवृष्टि जैसे कई प्राकृतिक कारणों की वजह से फसलों को होने वाली हानि खाद्य पदार्थों की कमी पैदा करती है। इस कमी के कारण बाज़ार में अनाज, फलो और सब्जियों के दाम बढ़ जाते है।
वैसे तो जीवन में कई सारी बड़ी समस्याओं ने घर कर के रखा है। उसमे महँगाई एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। महँगाई ने सभी लोगो को परेशान करके रखा हुआ है जो लगातार विकट रूप धारण कर रही है। महँगाई की वजह से आम जनता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है।
महँगाई का अर्थ है की जीवन आवश्यक वस्तुओ के मूल्यों में लगातार वृद्धि होना। रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और मनोरंज ये आज के मनुष्य की जीवन जरूरी मूलभूत आवश्यकता है। महँगाई की वजह से ग़रीब लोग और आम आदमी अपनी जीवन जरूरी चीज़ लेने में असमर्थ है। कई कारणों से बाजार में चीज़ों के दाम बढ़ते ही जाते है। जब ये दाम वृद्धि आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाती है, तब उस स्थिति को महँगाई का नाम दिया जाता है। पिछले कई दशकों से तो महँगाई काफी बढ़ती जा रही है और लोगो का जीना हराम कर दिया है।
महँगाई के कारण क्या है?
महँगाई बढ़ने के अनेक कारण है। सुखा, बाढ़, हिमपात, अतिवृष्टि जैसे कई प्राकृतिक कारणों की वजह से फसलों को होने वाली हानि खाद्य पदार्थों की कमी पैदा करती है। इस कमी के कारण बाज़ार में अनाज, फलो और सब्जियों के दाम बढ़ जाते है।
महँगाई की मार
उत्पादन मे खर्च बढ़ने पर उत्पादित वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि होती है। कोयला, पेट्रोल,डीजल और केरोसीन आदि इन्धनो की मूल्य वृद्धि से भी महँगाई बढ़ती है। युद्ध, हड़ताल, दंगे आदि के कारण बाज़ार मे वस्तुओं की पूर्ती मे विपरीत असर होती है और मुल्यसूचकांक् उपर चला जाता है। महँगाई बढ़ने का मुख्य कारण जनसँख्या में हो रही तीव्र वृद्धि हैं। जनसँख्या वृद्धि के अनुपात में जरूरी वस्तुओ का उत्पादन न होना महँगाई को प्रोत्साहित करता है। काला बाजारी, तस्करी आदि के कारण महँगाई बढ़ती ही जा रही है।
कई बार वैश्विक महामारी की वजह से महँगाई को प्रोत्साहन मिलता है। जैसे इस साल पूरे विश्व में कोरोना महामारी फ़ैली हुई है। और आप देख सकते हो की महँगाई ने आसमान छु लिया है। महामारी की वजह से पूरे विश्व का आर्थिक दर इस बार बहुत नीचा चला गया है। इसकी वजह से महँगाई अभी भी बढ़ने वाली है।
महँगाई के दुष्परिणाम क्या है?
महँगाई के कारण अनेक दुष्परिणाम जन्म लेते है।जरूरी वस्तुओ के दाम बढ़ने से सामान्य जनता का जीवन निर्वाह कठिन हो जाता है। महँगाई की सबसे बड़ी मार मध्यम वर्गि लोगो पर पड़ती है। वो अपनी जीवन जरूरी चीज़ लेने मे असमर्थ हो जाता है। दिन रात मेहनत करके पैसे कमाने वाले ग़रीब को पेटभर भोजन नहीं मिल पाता। सामान्य परिवारों के बच्चों को प्रमाण मे पोषक आहार न मिलने पर उनका उचित विकास नहीं हो पाता। ग़रीब परिवार के बच्चों को अपनी पढाई बीचमे छोड़ देनी पड़ती है। मध्यम वर्गीय और ग़रीब परिवार की कन्याओके विवाह
नहीं हो पाते। मध्यम वर्गीय लोग कर्ज के नीचे दब जाते है। चोरी, रिश्वतखोरी, डकैती, तस्करी, गुंडागर्दी आदि सामाजिक बुराई महँगाई की वजह से बढ़ जाती है।
महँगाई पर नियंत्रण कैसे आयेगा?
सरकार अगर जीवन जरूरियात चीजों के उत्पादन पर नज़र रखेगी और उसकी पूर्ति पर काम करेगी तो महँगाई कम हो सकती है। आजकल व्यापारी क्षत्रो में काला बाजारी बहुत बढ़ गई है। काला बाजारी की वजह से सरकार जो रासन गाँव के गरीबों के लिए देती हैं वो उन्हे मिल नहीं पाता। देश में बेरोजगारी कम हो तो महँगाई पर नियंत्रण लाया जा सकता है। फिर भी यदि सरकार, व्यापारी और जनता समझदारी से काम ले तो इस समस्या पर कुछ हद तक अंकुश पाया जा सकता है।
|
No comments:
Post a Comment