The blogs are related to essay , good thoughts, science topic, Technology, intresting Story,beautiful story,love story, motivational story, and other hindi articles You can read a post and improve your knowledge.

Saturday, July 18, 2020

Raksha bandhan 2023 | रक्षाबंधन पर निबंध | क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार?

रक्षा बंधन

रक्षाबंधन का त्योहार:

हमारे भारत देश में कई त्योहार मनाये जाते है। दिवाली, दशहरा, होली, शिवरात्रि, नवरात्रि, रक्षाबंधन आदि कई त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाये जाते है। इन सभी त्योहारो में रक्षा बंधन का त्योहार बहुत ही पवित्र माना जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन परिवार के सदस्य एकत्र होते हैं और खुशी के साथ इस अद्भुत रिश्ते को मनाते हैं। रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के बीच प्यार और आदर की भावना बढ़ती है। इस त्योहार का महत्व बहुत अधिक है। यह एक मौका है जब भाई-बहन एक दूसरे के साथ अपने बंधन को मजबूत करते हैं और प्यार और सम्मान का भाव व्यक्त करते हैं। इस दिन को भाई-बहन के बीच एक खुशी और आपसी समझ का दिन माना जाता है।

Happy Raksha bandhan

इस साल रक्षाबंधन बुधवार 30 अगस्त 2023  में सावन माह की पूर्णिमा के दिन है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दीन ही मनाया जाता है। इस त्योहार को एक दूसरे नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर के बलि राजा के घमंड को इसी दिन चकनाचूर किया था। इसलिए यह त्योहार "बलेव" नाम से भी प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र राज्य में नारियल पूर्णिमा या श्रावणी के नाम से यह त्योहार विख्यात है। इस दिन ब्राह्मण लोग समुद्र के तट पर जाकर अपने जनेऊ बदलते है और जलाशय की पूजा करते है। ब्राह्मण अपने शरीर पर एक सफ़ेद रंग का धागा बांधते है जिसे जनेऊ कहा जाता है।

क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन का त्योहार? :


रक्षाबंधन के सबंध में एक अन्य पौराणिक कथा भी प्रसिद्ध है। देवों और दानवो के युद्ध में जब देवता हारने लगे, तब वे देवराज इंद्र के पास गए। देवताओं को भयभीत देखकर इंद्राणी ने उनके हाथों में रक्षासूत् बांध दिया। इससे देवताओं का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने दानवो पर विजय प्राप्त किया। तभी से राखी बाँधने की प्रथा शुरू हुई। दूसरी मान्यता के अनुसार ऋषि- मुनियों की साधना की पूर्णाहुति इसी दिन होती थी। इस अवसर पर वे राजाओं की कलाई पर राखी बांधके उन्हे आशीर्वाद देते थे। इसीलिए आज के दिन ब्राह्मण अपने यजमनो को राखी बाँधते हैं।

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतिक है। इस दिन बहन अपने भाई के हाथ में प्रेम से राखी बांधती है। और उसके लिए मंगल कामनाए करती है। भाई बड़े स्नेह से अपनी बहन के लिए भेंट लाता है। इस दिन घर में अलग अलग तरह की मिठाई भी आती है और मिठाई खाके एक दूसरे का मुह मिठा करते है। भाई बहन का प्यार पतंग मान्जे की तरह होता है। जब वे साथ होते है तो बड़ी बड़ी उँचाईया छूती है। लेकिन जब एक दूसरे से अलग हो जाते है तो दोनों गिर जाते है। बहन का प्यार अगर नदी की तरह है तो भाई का प्यार दरिया दिल होता है। बहन अपने प्यार को जताती है लेकिन एक भाई अपनी बहन से कितना प्यार करता है वो कभी जता नहीं पाता। राखी के दिन भाई बहन के बीते हुए बचपन की जूमती हुई याद आँखों के सामने नाचती है। सचमुच, रक्षाबंधन का त्योहार हर भाई को बहन के प्रति अपने कर्तव्य की याद दिलाता है। नारी के प्रति बहन सी पवित्र भावना रख, नारी सम्मान की प्रेरणा देता है।


सचमुच, राखी के इन धागों ने अनेक कुरबानिया कराई है। पहले सिर्फ एक लाल रंग का धागा बाँधा जाता था। उससे सचमुच एक स्त्री की रक्षा होती थी। लेकिन आज धागे तो कम दिखते हैं बल्कि आज हीरे मोती से सज्ज राखी, अनेक प्रकार की महँगी महँगी राखियाँ बाजार में आई है। ये राखियाँ सिर्फ नाम की है। इन राखियों से स्त्री की रक्षा नहीं होती। आज स्त्री की इज्ज़त पहले जैसी नहीं होती। बहन अपने भाई के हाथ में राखी बाँधति है ताकि वो उसकी रक्षा कर सके। लेकिन कुछ भाई होते है जो ये सब भूल जाते हैं और एक स्त्री की रक्षा करने के बजाय उन्हें जलील करते हैं। कुछ भाई ऐसे होते है की वे सिर्फ अपनी बहन की रक्षा करनी जानते है लेकिन अपनी बहन की रक्षा करने से कुछ नहीं होगा। हमें अपनी बहन के साथ साथ सभी स्त्रिओ की इज्ज़त और रक्षा करनी होंगी। तभी ये रक्षाबंधन का त्योहार सार्थक होगा।

राखी के दिन चित्तौड़ की राराजमाता कर्मवती ने बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर अपना भाई बनाया था। और वो भी संकट के समय बहन की रक्षा के लिए चित्तौड़ आ पहुँचा था। आजकल तो बहन भाई को राखी बांध देती है और भाई बहन को कुछ उपहार देकर अपना कर्तव्य पुरा कर लेता है! लोग इस बात को भूल गए है की राखी के धागों का संबंध मन की पवित्र भावनाओ से है।

राखी का धागा बहन अपने भाई के हाथ में तो बांधती है लेकिन एक पत्नी अपने पति के हाथ में भी उसकी रक्षा के लिए धागा बांध सकती है। कई मित्र एक दूसरे के हाथ में फ्रेंडशिप बैंड बांध सकते है। और कई लोग मुहूर्त देखकर राखी बाँधते है लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। अपने भाई के हाथ में आप कभी भी राखी बांध सकते हो। यही नहीं गाँव के लोग तो रक्षाबंधन से पहले और उसके बाद भी राखी बाँधते है। फिर भी उनका त्योहार तो अनोखा होता है। इसीलिए मुहूर्त को नहीं बल्कि त्योहार को महत्व देना चाहिए।

सचमुच, वर्तमान सामाजिक परिस्थिति में रक्षाबंधन का महत्व पहले से भी अधिक है। आज के युग के अनुसार रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार को हर जगह यानी की स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संस्थाओ, महोल्ले में बड़े समारोह के साथ मनाना चाहिए।

आपको और आपके परिवार तथा समग्र देशवासियों को मेरी और मेरे परिवार की ओर से रक्षाबंधन की खूब सारी शुभकामाए।

       
❤Happy Raksha bandhan❤

Read more: सुबह का अहसास

4 comments:

  1. Nice post brother, I have been surfing online more than 3 hours today, yet I never found
    any interesting article like yours. It is pretty worth
    enough for me. In my view, if all web owners and bloggers made good content
    as you did, the internet will be much more useful than ever before.
    There is certainly a lot to know about this issue.

    I love all of the points you’ve made. I am sure this post
    has touched all the internet viewers, its really really good post on building up new weblog.
    Gyan Hi Gyann

    ReplyDelete